
श्री रामायण प्रारम्भ स्तुति जो सुमिरत सिधि होइ गन नायक करिबर बदन ॥ करउ अनुग्रह सोइ बुद्धि रासि सुभ गुन सदन ॥ 1 ॥ मूक होइ बाचाल पंगु चढइ गिरिबर गहन ॥ जासु कृपाँ सो दयाल द्रवउ सकल कलि मल...
श्री रामायण प्रारम्भ स्तुति जो सुमिरत सिधि होइ गन नायक करिबर बदन ॥ करउ अनुग्रह सोइ बुद्धि रासि सुभ गुन सदन ॥ 1 ॥ मूक होइ बाचाल पंगु चढइ गिरिबर गहन ॥ जासु कृपाँ सो दयाल द्रवउ सकल कलि मल...
कोटिकण्ठगीतमिदं राष्ट्रमन्दिरं जयतु जयतु हृदयपुटे राममन्दिरम् ॥ ऋषिवसिष्ठकौशिकादिपूतमन्दिरं महितभरतलक्ष्मणार्यशोभिमन्दिरम् । हनुमदादिजानकीसमेतमन्दिरं जयतु जयतु हृदयपुटे राममन्दिरम् ॥१॥ वाल्मीकेर्हृदयमृगविहारमन्दिरं रामायणकाव्यध्वनिनाट्यमन्दिरम् । सरयूतटमण्डितं प्रबोधमन्दिरं जयतु जयतु हृदयपुटे राममन्दिरम् ॥२॥ त्यागबलिसमर्पणैरवाप्तमन्दिरं सामरस्यपोषकं विशिष्टमन्दिरम् । विश्वगुरुपदप्रदं हि विश्वमन्दिरं जयतु जयतु हृदयपुटे राममन्दिरम् ॥३॥ विश्वबन्धुभावसिन्धुवाहिमन्दिरं कोटिभावजाह्रवीहिमाद्रिमन्दिरम्...
॥श्री बजरंग बाण पाठ॥ ॥ दोहा ॥ निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान । तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥ ॥ चौपाई ॥ जय हनुमंत संत हितकारी । सुन लीजै प्रभु अरज हमारी ॥ जन के काज...
श्री चण्डी-ध्वज स्तोत्रम् ॥ विनियोग ॥ अस्य श्री चण्डी-ध्वज स्तोत्र मन्त्रस्य मार्कण्डेय ऋषिः, अनुष्टुप् छन्दः, श्रीमहालक्ष्मीर्देवता, श्रां बीजं, श्रीं शक्तिः, श्रूं कीलकं मम वाञ्छितार्थ फल सिद्धयर्थे विनियोगः. ॥ अंगन्यास ॥ श्रां, श्रीं, श्रूं, श्रैं, श्रौं, श्रः । ॥ मूल...
महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् – अयि गिरिनन्दिनि हिन्दी में अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते गिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते । भगवति हे शितिकण्ठकुटुम्बिनि भूरिकुटुम्बिनि भूरिकृते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १ ॥ सुरवरवर्षिणि दुर्धरधर्षिणि दुर्मुखमर्षिणि हर्षरते त्रिभुवनपोषिणि शङ्करतोषिणि किल्बिषमोषिणि घोषरते दनुजनिरोषिणि...
श्री काशी विश्वनाथ अष्टकम: मंत्र हिन्दी में ॥ श्रीकाशीविश्वनाथाष्टकम् ॥ गङ्गातरंगरमणीयजटाकलापं गौरीनिरन्तरविभूषितवामभागम् । नारायणप्रियमनंगमदापहारं वाराणसीपुरपतिं भज विश्वनाथम् ॥1॥ वाचामगोचरमनेकगुणस्वरूपं वागीशविष्णुसुरसेवितपादपीठम् । वामेनविग्रहवरेणकलत्रवन्तं वाराणसीपुरपतिं भज विश्वनाथम् ॥2॥ भूताधिपं भुजगभूषणभूषितांगं व्याघ्राजिनांबरधरं जटिलं त्रिनेत्रम् । पाशांकुशाभयवरप्रदशूलपाणिं वाराणसीपुरपतिं भज विश्वनाथम् ॥3॥ शीतांशुशोभितकिरीटविराजमानं भालेक्षणानलविशोषितपंचबाणम् ।...
श्री नर्मदा अष्टकम हिन्दी में ॥ श्री नर्मदा अष्टकम ॥ सबिंदु सिन्धु सुस्खल तरंग भंग रंजितम द्विषत्सु पाप जात जात कारि वारि संयुतम कृतान्त दूत काल भुत भीति हारि वर्मदे त्वदीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे ॥1॥ त्वदम्बु लीन...
श्री हरि स्तोत्रम् हिन्दी में जगज्जालपालं चलत्कण्ठमालं शरच्चन्द्रभालं महादैत्यकालं नभोनीलकायं दुरावारमायं सुपद्मासहायम् भजेऽहं भजेऽहं ॥1 सदाम्भोधिवासं गलत्पुष्पहासं जगत्सन्निवासं शतादित्यभासं गदाचक्रशस्त्रं लसत्पीतवस्त्रं हसच्चारुवक्त्रं भजेऽहं भजेऽहं ॥2 रमाकण्ठहारं श्रुतिव्रातसारं जलान्तर्विहारं धराभारहारं चिदानन्दरूपं मनोज्ञस्वरूपं ध्रुतानेकरूपं भजेऽहं भजेऽहं ॥3 जराजन्महीनं परानन्दपीनं समाधानलीनं सदैवानवीनं जगज्जन्महेतुं...
जय बजरंगी जय हनुमाना – श्री हनुमान स्तुति हिन्दी में हनुमानजी स्तुति, जय बजरंगी जय हनुमाना, रुद्र रूप जय जय बलवाना, पवनसुत जय राम दुलारे, संकट मोचन सिय मातु के प्यारे ॥ जय वज्रकाय जय राम केरू दासा, हृदय करतु सियाराम...
सप्तश्लोकी दुर्गा स्तोत्रम् हिन्दी में ॥ अथ सप्तश्लोकी दुर्गा ॥ शिव उवाच: देवि त्वं भक्तसुलभे सर्वकार्यविधायिनी । कलौ हि कार्यसिद्ध्यर्थमुपायं ब्रूहि यत्नतः ॥ देव्युवाच: शृणु देव प्रवक्ष्यामि कलौ सर्वेष्टसाधनम् । मया तवैव स्नेहेनाप्यम्बास्तुतिः प्रकाश्यते ॥ विनियोग: ॐ अस्य श्री...
आपका स्वागत है ‘सनातन ज्ञान मंथन’ वेबसाइट पर! यहां, हम आपको प्राचीन भारतीय साहित्य के मूल्यवान गहनों से परिचित कराएंगे। हमारी धरोहर में सीता-राम, कृष्ण-बालराम, और अर्जुन-कर्ण की अद्भुत कहानियों से लेकर महाभारत और रामायण के अनकहे पहलू तक कई रहस्यमयी कथाएं और ज्ञान छिपा है।