
जब भक्त बुलाते हैँ जब भक्त बुलाते हैँ, हरि दौड़ के आते हैँ ॥ वो तो दीन और दुःखीओं को ॥ आ के गले लगाते हैँ, हरि दौड़ के आते हैँ, जब भक्त बुलाते हैँ… द्रोपदी ने जब, उन्हें पुकारा,...
जब भक्त बुलाते हैँ जब भक्त बुलाते हैँ, हरि दौड़ के आते हैँ ॥ वो तो दीन और दुःखीओं को ॥ आ के गले लगाते हैँ, हरि दौड़ के आते हैँ, जब भक्त बुलाते हैँ… द्रोपदी ने जब, उन्हें पुकारा,...
भक्तों के घर कभी, आजा शेरावाली, कुटिया का मान, बढ़ा जा शेरावाली, भक्तो के घर कभी, आजा शेरावाली ॥ पलकों के आसन पे, तुझको बिठाएंगे, हलवा पूड़ी का मैया, भोग लगाएंगे, भाव का ये भोग, लगा जा शेरावाली, भक्तो के...
आए मैया के नवराते भजन हिन्दी में आए मैया के नवराते, हो रहे घर घर में, हो रहे घर घर में जगराते, रिझाते मैया को, रिझाए मैया को झूमते गाते, गूंज रही भक्तो की, गूंज रही भक्तो की जय जयकार,...
महाकाल बाबा उज्जैन वाले, जीवन मेरा तेरे हवाले, दर दर भटका पड़ गए छाले, मुझको तू उज्जैन बुलाले, मैं तो ना जाऊँ किसी दर पे, तू बुलाले बुलाले बुलाले तू बुलाले, अपने दरबार में तू बुलाले, तू बुलाले बुलाले बुलाले...
Ek samay ki baat hai, Mathura naamak nagar mein ek ladki rehti thi. Vah chatur, buddhimaan aur sabhi ka khyaal rakhne vali thi. Ladki ko phool chunna aur unse vibhinn prakaar ke pest/itr banana bahut pasand tha. Duniya bhar se...
भक्तों के घर कभी आजा भजन हिन्दी में भक्तों के घर कभी, आजा शेरावाली, कुटिया का मान, बढ़ा जा शेरावाली, भक्तो के घर कभी, आजा शेरावाली ॥ पलकों के आसन पे, तुझको बिठाएंगे, हलवा पूड़ी का मैया, भोग लगाएंगे, भाव...
तेरा है सारा जमाना भजन हिन्दी में तेरा है सारा जमाना, मैया अब हमको भी तारो, हमको भी तारो मैया हमको भी तारो, चरणों में दे दो ठिकाना, ओ मईया अब हमको भी तारो ॥ हमने सुना है तुमने ध्यानु...
तोरे ऊंचे भुवन बने मात भजन हिन्दी में तोरे ऊंचे भुवन बने मात भवानी, मोर नचत है बागों में ॥ माँ के मंदिर पे कंचन कलश धरे, वहां चन्दन के जड़े है किवाड़ भवानी, मोर नचत है बागों में ॥...
कृष्ण और सुदामा की अनूपम दोस्ती की कहानी सभी को अच्छे से पता है। यदि किसी को दोस्ती की मिसाल देनी हो, तो पहला उदाहरण हमें श्री कृष्ण और सुदामा का ही देना चाहिए। कृष्ण, जिनका जन्म एक धनी परिवार...
चटक मटक चटकीली चाल, और ये घुंघर वाला बाल भजन हिन्दी में चटक मटक चटकीली चाल, और ये घुंघर वाला बाल, तिरछा मोर मुकट सिर पे, और ये गल बैजंती माल, तेरी सांवरी सुरतिया, पे दिल गई हार, तेरी...
आपका स्वागत है ‘सनातन ज्ञान मंथन’ वेबसाइट पर! यहां, हम आपको प्राचीन भारतीय साहित्य के मूल्यवान गहनों से परिचित कराएंगे। हमारी धरोहर में सीता-राम, कृष्ण-बालराम, और अर्जुन-कर्ण की अद्भुत कहानियों से लेकर महाभारत और रामायण के अनकहे पहलू तक कई रहस्यमयी कथाएं और ज्ञान छिपा है।